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मेहर हमाज ने दी स्वामी रविचरण को श्रद्धांजलि

बेमेतरा/थान खम्हरिया == समाज मे फैले व्याप्त बुराईयों को दूर करने तथा मलिनता,खानपान व मद्यपान जैसे समाजिक बुराइयों  को समाप्त करने मे अहम योगदान देने वाले स्वामी रविचरण दास जी गत 15 सितंबर को ब्रम्हलीन  हो गये जिसकी पुष्पांजली कार्यक्रम आज थान खम्हरिया के टाऊनहाल मे आयोजित किये गये जिसमे आसपास के मेहर समाज के लोग काफी संख्या मे उपस्थित होकर स्वामी रविचरण दास जी को श्रद्धांजलि दी।उनकी याद मे संकीर्तन किया गया तथा संचालक संतराम लहरे ने जीवनी पर प्रकाश डाला।
स्वामी जी उत्तराखण्ड,बिहार उत्तरप्रदेश,छ ग,पंश्चिम बंगाल,हिमांचल प्रदेश तथा पंजाब जैसे प्रदेशो के गददीनशीन थे,उनका जन्म 5 अक्तूबर 1038 मे रेमा (उ प्र) मे हुआ था स्वामी जी के स्वर्गलोक सिधारने के बाद खुरालगढ (पंजाब) मे समाधि बनाई गयी है,अकेले पंजाब मे 450 ढेरा व आश्रम संचालित है जहा स्वामी जी दलित पिङित लोगो को दीक्षा देते थे। स्वामी जी हाल ही मे तुगलागाबाद के संत रविदास मंदिर तोङे जाने के खिलाफ दिल्ली मे एक बङा आंदोलन खङे  किया था।दलित समाज के खानपान की तौर तरीका मे बदलाव लाने,मलिनता को दूर करने तथा समाज मे फैली मंदिरापान की खिलाफत कर लोगो मे जन जागरूकता लाने मे अहम भूमिका निभाई है।स्वामी चरणदास जी के इन्ही सब समाजिक विचारधाराओं से प्रेरित होकर लोगो ने उनसे दीक्षा ली और समाज आज तरक्की की राह मे है।कार्यक्रम मे तहसील संघ अध्यक्ष सहदेव कोठारी,बंशीधर नेगी,संतराम डालसेज,वासुदेव कोठारी,कार्तिक राम तुरकाने,काजू कोठारी,रामबृज,राजकुमार रात्रि,शिव नेगी,बिसाहू,शिव लहरे,अशोक लहरे,आजूराम,बल्दाऊ लहरे तथा भीखू लहरे सहित कवर्धा,साजा,भिंडरवानी,बरगा,बेलतरा,इंदौरी,गातापार,ढोरली,कोटगांव,खाती व पिपरिया जैसे क्षेत्र से स्वामी जी की अनुयायी उपस्थित थे।
 फोटो संलग्न

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