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World Population Day 2025: भारत बना दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश, सामने हैं कई गंभीर चुनौतियां



WORLD NEWS | SPECIAL REPORT: हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) मनाया जाता है, लेकिन इस बार का दिन और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत अब आधिकारिक रूप से दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन चुका है। यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में भारत की जनसंख्या 1.46 बिलियन (146.39 करोड़) को पार कर गई है।

इस बार की थीम है: "युवाओं को एक निष्पक्ष और आशावान दुनिया में अपने मनचाहे परिवार बनाने के लिए सशक्त बनाना"।
इसका उद्देश्य जनसंख्या विस्फोट के साथ-साथ लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के प्रति जागरूक करना है, ताकि भावी पीढ़ियों को एक बेहतर जीवन मिल सके।


🌍 विश्व स्तर पर क्या हालात हैं?

इस समय दुनिया की कुल आबादी 8.2 बिलियन है। सबसे अधिक आबादी वाले 10 देशों में भारत अब पहले स्थान पर है, उसके बाद क्रमशः चीन, अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, नाइजीरिया, ब्राजील, बांग्लादेश, रूस और इथियोपिया हैं।

रैंकदेशजनसंख्या (2025 अनुमान)
1भारत1.46 बिलियन
2चीन1.42 बिलियन
3अमेरिका347 मिलियन
4इंडोनेशिया286 मिलियन
5पाकिस्तान255 मिलियन
6नाइजीरिया238 मिलियन
7ब्राजील213 मिलियन
8बांग्लादेश176 मिलियन
9रूस144 मिलियन
10इथियोपिया135 मिलियन

🇮🇳 भारत में जनसंख्या वृद्धि से जुड़ी चुनौतियाँ:

  • संसाधनों पर अत्यधिक दबाव

  • स्वास्थ्य और शिक्षा में असमानता

  • रोजगार की कमी और बेरोजगारी में बढ़ोतरी

  • शहरीकरण और झुग्गी बस्तियों का विस्तार

  • प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन


⚠️ दूसरी ओर... घटती जनसंख्या भी एक संकट

जहां भारत और कुछ अफ्रीकी देशों को जनसंख्या वृद्धि की चुनौती झेलनी पड़ रही है, वहीं जापान, इटली और कोरिया जैसे देशों में जनसंख्या घट रही है, जिससे श्रम बल की कमी और वृद्ध जनसंख्या की देखभाल एक बड़ी चुनौती बन रही है।


क्या किया जा सकता है?

  • जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षा और जागरूकता अभियान

  • युवाओं को रोजगार और संसाधन उपलब्ध कराना

  • परिवार नियोजन को लेकर नीतिगत सुधार

  • लैंगिक समानता और महिलाओं की सशक्तिकरण


निष्कर्ष:
जनसंख्या दिवस महज़ एक तारीख नहीं, बल्कि चेतावनी है कि हम अपनी नीतियों और प्राथमिकताओं की समीक्षा करें। अत्यधिक या अत्यल्प—दोनों ही स्थितियाँ खतरनाक हैं, और इनका समाधान सिर्फ वैश्विक सहयोग और जागरूक समाज से ही संभव है।

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