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अब चीन को माफ करने के मूड में नहीं है अमेरिका, आर-पार की जंग के लिए हो रहा तैयार

नई दिल्‍ली। अमेरिका और चीन में लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। आलम ये है कि राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप लगातार चीन पर पाबंदियां लगाते जा रहे हैं। उन्‍होंने अपने ताजा फैसले में अब चीन से आने वाले यात्री विमानों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। 16 जून से दोनों देशों के बीच विमान सेवाएं बंद हो जाएंगी। इससे चीन की मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही हैं। ये सब कुछ ऐसे समय में हो रहा है जब कोरोना की महामारी का दंश झेल रहे देशों की अर्थव्‍यवस्‍था को दोबारा पटरी पर लाने की कवायद जोर-शोर से चल रही है। अमेरिका और चीन के बीच की ये तनातनी यूं तो काफी लंबे समय से है, लेकिन डोनाल्‍ड ट्रंप के राष्‍ट्रपति बनने के बाद से इसमें विवादों की खाई और अधिक चौड़ी हो गई है। यही वजह है कि दोनोंं जिस तरह का रुख इख्तियार कर रहे हैं उससे लगता है कि ये आर-पार की जंग के लिए कहीं न कहीं तैयार हो रहे हैं।   

तीखी होती बयानबाजी

दक्षिण चीन सागर, दोनों देशों के बीच छिड़े ट्रेड वार, कोरोना उत्‍पत्ति को लेकर उठे सवाल और तीखी होती बयानबाजी के बीच अब हांगकांग का मुद्दा भी इसमें अपनी भूमिका निभाने लगा है। ये सभी मुद्दे ऐसे हैं जो लगातार विवादों का कारण बने हुए हैं। वहीं, कोरोना उत्‍पत्ति और हांगकांग के सवाल और मुद्दे को अमेरिका लगातार हवा दे रहा है। इसको हवा देने में न सिर्फ राष्‍ट्रपति ट्रंप, बल्कि विपक्षी पार्टियां भी लगी हुई हैं। जानकारों की राय में दोनों के बीच चल रही ये लड़ाई वर्चस्‍व की जंग को लेकर अधिक है। वहीं, व्‍यापारिक मुद्दों पर अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए भी ये लड़ाई और तीखी हो चली है। इस मुद्दे पर दैनिक जागरण ने अमेरिका में भारत की पूर्व राजदूत रहीं मीरा शंकर और जवाहर लाल नेहरू विश्‍वविद्यालय के प्रोफेसर बीआर दीपक से बात की।

टकराव की वजह 

इस बातचीत के दौरान दोनों ही इस बात पर सहमत थे कि अमेरिका का चीन से सबसे बड़ा टकराव व्‍यापारिक हितों को लेकर है। मीरा और दीपक का मानना है कि इन दोनों ही देशों के बीच रिश्‍ते अब वैसे नहीं हैं जो एक दशक पहले हुआ करते थे। इसकी एक बड़ी वजह ये है कि अमेरिका को अब ये लगने लगा है कि चीन से व्‍यापार में उसको जो फायदा होना चाहिए था, वो उसको नहीं मिल रहा है। प्रोफेसर दीपक के मुताबिक, चीन लगातार अमेरिका से होने वाले व्‍यापार में फायदा उठा रहा है। उसको समझौते के तहत कई तरह की छूट मिली हुई हैं। अमेरिका चाहता है कि उसको भी वही छूट मिलनी चाहिए जो वो चीन को देता है। इस पर चीन तैयार नहीं है। उनकी निगाह में ये ट्रेड वार काफी लंबे समय से चल रहा है और आगे भी इसके लंबा चलने की उम्‍मीद है।

टकराव की वजह 

इस बातचीत के दौरान दोनों ही इस बात पर सहमत थे कि अमेरिका का चीन से सबसे बड़ा टकराव व्‍यापारिक हितों को लेकर है। मीरा और दीपक का मानना है कि इन दोनों ही देशों के बीच रिश्‍ते अब वैसे नहीं हैं जो एक दशक पहले हुआ करते थे। इसकी एक बड़ी वजह ये है कि अमेरिका को अब ये लगने लगा है कि चीन से व्‍यापार में उसको जो फायदा होना चाहिए था, वो उसको नहीं मिल रहा है। प्रोफेसर दीपक के मुताबिक, चीन लगातार अमेरिका से होने वाले व्‍यापार में फायदा उठा रहा है। उसको समझौते के तहत कई तरह की छूट मिली हुई हैं। अमेरिका चाहता है कि उसको भी वही छूट मिलनी चाहिए जो वो चीन को देता है। इस पर चीन तैयार नहीं है। उनकी निगाह में ये ट्रेड वार काफी लंबे समय से चल रहा है और आगे भी इसके लंबा चलने की उम्‍मीद है।

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