- भुवनेश्वर रीजन में 88.11%, पिछले साल से 1.97% कम
- निकिता 97% के साथ पहले, हनी और आदर्श 96.2% अंकों से साथ जिले में दूसरे स्थान पर
महासमुंद. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने सोमवार को कक्षा बारहवीं के परिणाम जारी कर दिए। जारी परिणाम के अनुसार इस साल छत्तीसगढ़ में कुल 84.59 फीसदी बच्चे पास हुए हैं। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से बेटियां आगे हैं। राज्य में 91.07 फीसदी बेटियां पास हुई हैं। जबकि लड़कों के पास होने का प्रतिशत 85.84 है। इस साल छत्तीसगढ़ से कुल 23926 बच्चे बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमें से 20240 बच्चे पास हुए हैं और 2022 बच्चे सप्लीमेंट्री आए हैं। पास होने वाले बच्चों में 9559 लड़कियां हैं, जबकि 10681 लड़के हैं। सीबीएसई की ओर से जारी बारहवीं के परिणाम के अनुसार इस साल भुवनेश्वर रीजन का परिणाम पिछले साल की तुलना में कम हुआ है। पिछले साल भुवनेश्वर रीजन का परिणाम 90.08 फीसदी था, जबकि इस साल रीजन का परिणाम 88.11 फीसदी है, जो पिछले साल से 1.97 प्रतिशत कम है।
रीजन में पश्चिम बंगाल आगे छत्तीसगढ़ तीसरे पायदान पर
भुवनेश्वर रीजन में इस साल कुल 71427 बच्चों ने सीबीएसई बारहवीं बोर्ड की परीक्षा दी, जिसमें से 62931 बच्चे पास हुए हैं। वहीं 4322 सप्लीमेंट्री आए हैं। इनमें लड़कियों की संख्या 28183 और लड़कों की संख्या 34748 है। इसी तरह राज्य की बात करें तो भुवनेश्वर रीजन में पश्चिम बंगाल टॉप पर रहा। यहां कुल 29015 में से 26234 बच्चे सफल हुए और इनका प्रतिशत 90.42 रहा। इसी तरह दूसरे नंबर पर ओडिशा रहा, जहां 18486 में से 16457 बच्चे पास हुए हैं और इसका प्रतिशत 89.02 रहा। तीसरे पायदान पर छत्तीसगढ़ है, जहां 23926 में से 20240 बच्चे पास हुए हैं और इनका प्रतिशत 84.59 रहा।
हिंदी और कम्प्यूटर साइंस की परीक्षाएं नहीं हुईं
इस साल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सीबीएसई के कक्षा बारहवीं की हिंदी और कम्प्यूटर साइंस की परीक्षाएं नहीं हो पाई थी। इन विषयों पर अन्य विषयों के औसत के आधार पर नंबर दिया गया। केंद्रीय विद्यालय महासमुंद के प्राचार्य एके चंद्राकर ने बताया कि यदि कोई बच्चा मैथ्स स्ट्रीम का है तो उसके मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री के प्राप्तांक का औसत निकाला गया और इसी आधार पर हिंदी के नंबर तय किए गए हैं।
केवीए और नवोदय विद्यालय के परिणाम रहे 100 फीसदी
जिले में स्थित विभिन्न सीबीएसई स्कूलों के परिणाम भी इस साल बेहतर रहे। जिले के महासमुंद में स्थित केंद्रीय विद्यालय और सरायपाली में स्थित नवोदय विद्यालय के परिणाम 100 फीसदी रहे। केंद्रीय विद्यालय में बारहवीं कक्षा में कुल 72 बच्चे अध्ययनरत थे और सभी पास हुए हैं। इसी तरह नवोदय विद्यालय सरायपाली में कुल 69 बच्चे भी पास हुए हैं। इसी तरह शहर के वेडनर स्कूल में कुल 79 में से 73 बच्चे पास हुए हैं। सरायपाली के प्रतिभा पब्लिक स्कूल में कक्षा बारहवीं में कुल 116 में से 105 बच्चे पास हुए हैं।
सीबीएसई: 10 रीजन में बांटकर किया जाता है संचालन
सीबीएसई ने प्रशासनिक रूप से देशभर में 10 रीजन बनाए हैं। इसमें अजमेर, इलाहाबाद, भुवनेश्वर, चेन्नई, देहरादून, दिल्ली, गुवाहाटी, पंचकुला, पटना और तिरूवंतपुरम शामिल है। इसमें से भुवनेश्वर रीजन में छत्तीसगढ़ समेत ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल है।
महासमुंद. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने सोमवार को कक्षा बारहवीं के परिणाम जारी कर दिए। जारी परिणाम के अनुसार इस साल छत्तीसगढ़ में कुल 84.59 फीसदी बच्चे पास हुए हैं। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से बेटियां आगे हैं। राज्य में 91.07 फीसदी बेटियां पास हुई हैं। जबकि लड़कों के पास होने का प्रतिशत 85.84 है। इस साल छत्तीसगढ़ से कुल 23926 बच्चे बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमें से 20240 बच्चे पास हुए हैं और 2022 बच्चे सप्लीमेंट्री आए हैं। पास होने वाले बच्चों में 9559 लड़कियां हैं, जबकि 10681 लड़के हैं। सीबीएसई की ओर से जारी बारहवीं के परिणाम के अनुसार इस साल भुवनेश्वर रीजन का परिणाम पिछले साल की तुलना में कम हुआ है। पिछले साल भुवनेश्वर रीजन का परिणाम 90.08 फीसदी था, जबकि इस साल रीजन का परिणाम 88.11 फीसदी है, जो पिछले साल से 1.97 प्रतिशत कम है।
रीजन में पश्चिम बंगाल आगे छत्तीसगढ़ तीसरे पायदान पर
भुवनेश्वर रीजन में इस साल कुल 71427 बच्चों ने सीबीएसई बारहवीं बोर्ड की परीक्षा दी, जिसमें से 62931 बच्चे पास हुए हैं। वहीं 4322 सप्लीमेंट्री आए हैं। इनमें लड़कियों की संख्या 28183 और लड़कों की संख्या 34748 है। इसी तरह राज्य की बात करें तो भुवनेश्वर रीजन में पश्चिम बंगाल टॉप पर रहा। यहां कुल 29015 में से 26234 बच्चे सफल हुए और इनका प्रतिशत 90.42 रहा। इसी तरह दूसरे नंबर पर ओडिशा रहा, जहां 18486 में से 16457 बच्चे पास हुए हैं और इसका प्रतिशत 89.02 रहा। तीसरे पायदान पर छत्तीसगढ़ है, जहां 23926 में से 20240 बच्चे पास हुए हैं और इनका प्रतिशत 84.59 रहा।
हिंदी और कम्प्यूटर साइंस की परीक्षाएं नहीं हुईं
इस साल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सीबीएसई के कक्षा बारहवीं की हिंदी और कम्प्यूटर साइंस की परीक्षाएं नहीं हो पाई थी। इन विषयों पर अन्य विषयों के औसत के आधार पर नंबर दिया गया। केंद्रीय विद्यालय महासमुंद के प्राचार्य एके चंद्राकर ने बताया कि यदि कोई बच्चा मैथ्स स्ट्रीम का है तो उसके मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री के प्राप्तांक का औसत निकाला गया और इसी आधार पर हिंदी के नंबर तय किए गए हैं।
केवीए और नवोदय विद्यालय के परिणाम रहे 100 फीसदी
जिले में स्थित विभिन्न सीबीएसई स्कूलों के परिणाम भी इस साल बेहतर रहे। जिले के महासमुंद में स्थित केंद्रीय विद्यालय और सरायपाली में स्थित नवोदय विद्यालय के परिणाम 100 फीसदी रहे। केंद्रीय विद्यालय में बारहवीं कक्षा में कुल 72 बच्चे अध्ययनरत थे और सभी पास हुए हैं। इसी तरह नवोदय विद्यालय सरायपाली में कुल 69 बच्चे भी पास हुए हैं। इसी तरह शहर के वेडनर स्कूल में कुल 79 में से 73 बच्चे पास हुए हैं। सरायपाली के प्रतिभा पब्लिक स्कूल में कक्षा बारहवीं में कुल 116 में से 105 बच्चे पास हुए हैं।
सीबीएसई: 10 रीजन में बांटकर किया जाता है संचालन
सीबीएसई ने प्रशासनिक रूप से देशभर में 10 रीजन बनाए हैं। इसमें अजमेर, इलाहाबाद, भुवनेश्वर, चेन्नई, देहरादून, दिल्ली, गुवाहाटी, पंचकुला, पटना और तिरूवंतपुरम शामिल है। इसमें से भुवनेश्वर रीजन में छत्तीसगढ़ समेत ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल है।
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