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छत्तीसगढ़:एयरफोर्स की मदद से जिस शख्स का किया गया रेस्क्यू, उसने कहा- हेलिकॉप्टर में बैठकर मुझे बहुत अच्छा लगा

तस्वीर रायपुर एयरपोर्ट की है। चॉपर से उतरकर जितेंद्र ने वायुसेना की टीम का शुक्रिया किया और पुलिस ने अस्पताल ले जाने में मदद की।
रविवार की शाम को यह शख्स खूंटाघाट की नदी में फंस गया था, सोमवार को रेस्क्यू किया गया
पानी के बीच 14 घंटे रहने से शख्स की तबीयत बिगड़ गई थी
बिलासपुर से रायपुर तक एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से तय किया सफर
दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि आखिर क्यों उतरा था नदी में

छत्तीसगढ़:एयरफोर्स की मदद से जिस शख्स का किया गया रेस्क्यू, उसने कहा- हेलिकॉप्टर में बैठकर मुझे बहुत अच्छा लगा
रायपुर5 घंटे पहलेलेखक: सुमन पांडेय

तस्वीर रायपुर एयरपोर्ट की है। चॉपर से उतरकर जितेंद्र ने वायुसेना की टीम का शुक्रिया किया और पुलिस ने अस्पताल ले जाने में मदद की।
रविवार की शाम को यह शख्स खूंटाघाट की नदी में फंस गया था, सोमवार को रेस्क्यू किया गया
पानी के बीच 14 घंटे रहने से शख्स की तबीयत बिगड़ गई थी
बिलासपुर से रायपुर तक एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से तय किया सफर
दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि आखिर क्यों उतरा था नदी में

रविवार को बिलासपुर इलाके के गिधौरी गांव के रहने वाले जितेंद्र कश्यप को उम्मीद नहीं थी कि अगली सुबह वो राष्ट्रीय स्तर के समाचार का हिस्सा होगा। दरअसल सोमवार की सुबह उफनती नदी से 43 साल के इस व्यक्ति को इंडियन एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर की मदद से बचाया गया। जानलेवा लहरों के बीच रात बिताने के बाद अब रायपुर के रामकृष्ण हॉस्पीटल में जितेंद्र का इलाज चल रहा है। दैनिक भास्कर से जितेंद्र ने खुलासा किया कि आखिर क्यों वो नदी में गया और कैसे रात भर जूझता रहा।

मोला बहुंत अच्छा लागिस भाई... 
जितेंद्र से जब यह पूछा गया कि जब एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर में उसे रायपुर लेकर आया गया तो उसे क्या महसूस हुआ। छत्तीसगढ़ी बोली में अपनी बात रखते हुए जितेंद्र ने कहा - मोला बहुंत अच्छा लागिस भाई (मुझे बहुत अच्छा लगा भाई) जितेंद्र ने कहा कि वायुसेना के लोगों ने मेरी जान बचाई मैं उन्हें कभी नहीं भूल सकता। अब मैं ठीक हूं, अस्पताल में मेरा और मेरी सेहत का ध्यान रखा जा रहा है।

इस वजह से गया था पानी में 
जितेंद्र रविवार की शाम से खूंटाखाट डैम के वेस्टवियर में लहरों के बीच फंसा मिला था। बहाव इतना तेज था कि उसे बचाने का काम नहीं हो सका। सुबह पुलिस ने एयरफोर्स की मदद लेकर उसे बचाया। इस मुश्किल जगह पर पहुंचने के पीछे का राज भी जितेंद्र ने खोला। जितेंद्र ने बताया कि पत्नी से मेरा झगड़ा हो गया था। पिछले 5 सालों से बीमार होने की वजह से मैं कोई काम नहीं करता। पत्नी ही मजदूरी कर परिवार को पालती है। घटना के दिन मैंने पत्नी से खर्च के लिए रुपए मांगे। पत्नी ने रुपए देने से इंकार कर दिया।

इस पर जितेंद्र का पत्नी के साथ झगड़ा हो गया। उसने कहा कि इसी बात से नाराज होकर मैं गुस्से में पानी में उतर गया था। मगर वहां विशाल लहरों को देख डर कर पानी के बीच एक पत्थर पर ही बैठ गया। आस-पास के लोगों के पुलिस को बताया और तब पूरे प्रशासन और एयरफोर्स ने 14 घंटे की मशक्कत के बाद जितेंद्र को बचाया। पानी के बीच ही जितेंद्र ने रात बिताई और कहा एक झाड़ी को जोर से पकड़कर सारी रात बैठा रहा। पकड़ कमजोर होती तो वो तेज बहाव के गहरे पानी में चला जाता। इस दौरान उसे अहसास हुआ कि गुस्से में उठाया यह कदम कितना भयानक साबित हुआ है।

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