नई दिल्ली। rvkd news सनातन संस्कृति में पवनपुत्र हनुमान को चिरंजीवी और संकटमोचक माना गया है। मान्यता है कि भक्तों की पुकार पर वे हर युग, हर काल में स्वयं उपस्थित हो जाते हैं। यही कारण है कि सिर्फ भारत में ही नहीं, सात समंदर पार भी हनुमान जी के भक्तों की संख्या कम नहीं है। आज हम आपको कुछ ऐसे अंतरराष्ट्रीय चेहरों के बारे में बताएंगे जिन्होंने न केवल हनुमान जी की पूजा की, बल्कि अपने जीवन में उनकी कृपा का अनुभव भी किया।
1. क्रिकेटर्स और हनुमान जी की आस्था
हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में चौथा टेस्ट मैच खेलने से पहले पूरी श्रद्धा के साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया। इससे पहले विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर पहुंचे थे और विजय की कामना करते हुए बजरंगबली की पूजा की थी।
महंत संजय दास के अनुसार, विराट ने कहा था कि जीत मिलने पर वह फिर से दर्शन के लिए आएंगे। यह बजरंगबली की कृपा ही है कि खिलाड़ी भी मैदान में उतरने से पहले उनका आशीर्वाद लेना नहीं भूलते।
2. बॉडीबिल्डर जान लूकास: जय बजरंग बली!
दक्षिण अफ्रीका के जाने-माने बॉडीबिल्डर जान लूकास सनातन परंपरा के बड़े भक्त हैं। वे भगवान शिव और हनुमान को अपना आदर्श मानते हैं। सोशल मीडिया पर वे अक्सर हनुमान की वेशभूषा में दिखाई देते हैं और ‘जय बजरंग बली’ के जयकारे लगाते हैं। वे कहते हैं कि हनुमान जी से उन्हें न सिर्फ शारीरिक बल मिला बल्कि आत्मिक संतुलन भी।
3. एलन मस्क के पिता एरोल मस्क का अयोध्या दौरा
टेस्ला और X के मालिक एलन मस्क के पिता एरोल मस्क हाल ही में अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर पहुंचे थे। वहां उन्हें महंत संजय दास ने आशीर्वाद देकर हनुमान जी की एक प्रतिमा भी भेंट की। एरोल मस्क ने मंदिर में विधिवत पूजा की और भारतीय संस्कृति को नमन किया।
4. फेसबुक के ज़ुकरबर्ग और एप्पल के स्टीव जॉब्स को मिली संजीवनी
जब मार्क ज़ुकरबर्ग को फेसबुक के शुरुआती दिनों में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, तब स्टीव जॉब्स ने उन्हें उत्तराखंड स्थित नीम करोली बाबा के कैंची धाम जाने की सलाह दी। हनुमान जी के इस मंदिर में जाकर ज़ुकरबर्ग को आत्मिक शांति और नई ऊर्जा मिली।
इसी तरह, स्टीव जॉब्स भी अपने करियर में अनिश्चितता के दौर में हनुमत धाम पहुंचे थे। उनका कहना था कि पहाड़ों की गोद में बसे इस मंदिर से उन्हें जीवन में नई दिशा मिली।
5. हनुमान भक्तों की लंबी परंपरा
माधवाचार्य, संत तुलसीदास, राघवेंद्र स्वामी, नीम करोली बाबा और बाबा बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री जैसे संतों ने हनुमान जी की भक्ति को जन-जन तक पहुंचाया है। आज विदेशी भी इस शक्ति के स्रोत की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
हनुमान जी क्यों हैं इतने प्रिय?
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वे शक्ति, साहस और भक्ति के प्रतीक हैं।
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‘संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा’ सिर्फ एक चौपाई नहीं, करोड़ों लोगों की आस्था का मूल मंत्र है।
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जीवन में जब कोई रास्ता नहीं बचता, तब हनुमान चालीसा में रास्ता दिखता है।
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