RVKD NEWS: पुरानी बस्ती, रायपुर — संस्कृत, हमारी देवभाषा, जब बच्चों की ज़ुबान पर आती है तो संस्कृति और परंपरा जीवंत हो उठती है। लॉयस क्लब शिखर ने इसी सोच के साथ सरस्वती कन्या विद्यालय, पुरानी बस्ती में बीते तीन वर्षों से चल रही एक खास परंपरा को फिर जीवंत किया — संस्कृत श्लोकों पर आधारित अंताक्षरी प्रतियोगिता।
प्रतियोगिता में शिवानी, गार्गी, अरुन्धती और मैत्रेयी नामक चार समूहों ने भाग लिया। बच्चों ने एक श्लोक के अंतिम शब्द से अगला श्लोक आरंभ करते हुए न सिर्फ संस्कृत ज्ञान का परिचय दिया, बल्कि अपनी स्मरण शक्ति और सृजनात्मकता से भी सबको चकित कर दिया। इसके साथ ही विभिन्न वस्तुओं के संस्कृत नाम पूछे गए, जिसमें प्रतिभागियों ने शानदार जवाब दिए।
लॉयस क्लब शिखर की चार्टर अध्यक्ष सरोज पाण्डेय ने अपने प्रभावशाली उद्बोधन में संस्कृत की महत्ता पर जोर देते हुए कहा,
> "संस्कृत केवल भाषा नहीं, हमारी संस्कृति और विज्ञान का मूल है। कंप्यूटर की प्रारंभिक भाषा के रूप में भी संस्कृत को उपयुक्त माना गया, क्योंकि यह भाषा लिखे और बोले गए शब्दों में पूर्ण सामंजस्य रखती है।"
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित रहीं:
कार्यक्रम प्रभारी: राधा वर्मा
चार्टर सचिव: चंद्रकांता ओसवाल
क्लब अध्यक्ष: उषा शर्मा
सचिव: कंचन पुसदकर
पूर्व अध्यक्ष: मिनाक्षी भार्गव
कोषाध्यक्ष: लक्ष्मी गुप्ता
संचालन: साधना दुबे
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को सम्मानित कर पुरस्कार दिए गए। इसके अलावा "राखी एवं थाली सजाओ" प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ, जिसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
📌 RVKD NEWS ALERT: इस पहल से एक बार फिर साबित हुआ कि यदि बच्चों को सही मंच मिले, तो वे हमारी भाषाओं और परंपराओं को गर्व से आगे बढ़ा सकते हैं।
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